Gangori Bazaar, J.D.A. Market, Pink City, Jaipur, Rajasthan 302002, India
The City Palace is a Tourist attraction located at Gangori Bazaar, J.D.A. Market, Pink City, Jaipur, Rajasthan 302002, India. It has received 50703 reviews with an average rating of 4.4 stars.
Monday | 9:30AM-7PM |
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Tuesday | 9:30AM-7PM |
Wednesday | 9:30AM-7PM |
Thursday | 9:30AM-7PM |
Friday | 9:30AM-7PM |
Saturday | 9:30AM-7PM |
Sunday | 9:30AM-7PM |
The address of The City Palace: Gangori Bazaar, J.D.A. Market, Pink City, Jaipur, Rajasthan 302002, India
The City Palace has 4.4 stars from 50703 reviews
Tourist attraction
"Some information about city palace jaipur The City Palace, Jaipur is a royal residence and former administrative headquarters of the rulers of the Jaipur State in Jaipur, Rajasthan"
"One of the historic landmarks of the city, City Palace is situated right at the center of the city and is made of grey-white marble stone"
"The City Palace was built between 1729 and 1732 by Maharaja Sawai Jai Singh II, the Maharaja of Jaipur and the head of the Kachhwa Rajput clan"
"Amazing Experience in city palace पहले राजा इसी में रहते थे और यहीं से गोविंद देव जी के दर्शन करते थे l वर्तमान में यह पर्यटक स्थल बन गया है l यह बहुत ही सुंदर बना हुआ है l सिटी पैलेस जयपुर में स्थित राजस्थानी व मुगल शैलियों की मिश्रित रचना एक पूर्व शाही निवास जो पुराने शहर के बीचोंबीच है। भूरे संगमरमर के स्तंभों पर टिके नक्काशीदार मेहराब, सोने व रंगीन पत्थरों की फूलों वाली आकृतियों ले अलंकृत है। संगमरमर के दो नक्काशीदार हाथी प्रवेश द्वार पर प्रहरी की तरह खड़े है। जिन परिवारों ने पीढ़ी-दर-पीढ़ी राजाओं की सेवा की है। वे लोग गाइड के रूप में कार्य करते है। पैलेस में एक संग्राहलय है जिसमें राजस्थानी पोशाकों व मुगलों तथा राजपूतों के हथियार का बढ़िया संग्रह हैं। इसमें विभिन्न रंगों व आकारों वाली तराशी हुई मूंठ की तलवारें भी हैं, जिनमें से कई मीनाकारी के जड़ऊ काम व जवाहरातों से अलंकृत है तथा शानदार जड़ी हुई म्यानों से युक्त हैं। महल में एक कलादीर्घा भी हैं जिसमें लघुचित्रों, कालीनों, शाही साजों सामान और अरबी, फारसी, लेटिन व संस्कृत में दुर्लभ खगोल विज्ञान की रचनाओं का उत्कृष्ट संग्रह है जो सवाई जयसिंह द्वितीय ने विस्तृत रूप से खगोल विज्ञान का अध्ययन करने के लिए प्राप्त की थी।
किस दिन गए थे
कामकाजी दिन (वीकडे)
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10 मिनट तक
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"सिटी पैलेस जयपुर, राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक तथा पर्यटन स्थलों में से एक है। यह एक महल परिसर है। 'गुलाबी शहर' जयपुर के बिल्कुल बीच में यह स्थित है। इस खूबसूरत परिसर में कई इमारतें, विशाल आंगन और आकर्षक बाग़ हैं, जो इसके राजसी इतिहास की निशानी हैं। इस परिसर में 'चंद्र महल' और 'मुबारक महल' जैसे महत्वपूर्ण भवन भी हैं। पिछले ज़माने के कीमती सामान को यहां संरक्षित किया गया है। इसके महल के छोटे से भाग को संग्रहालय और आर्ट गैलेरी में तब्दील किया गया है। महल की खूबसूरती को देखने के लिए सैलानी दुनिया भर से हज़ारों की संख्या में सिटी पैलेस में आते हैं। सिटी पैलेस का निर्माण महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने 1729 से 1732 ई"
Some information about city palace jaipur The City Palace, Jaipur is a royal residence and former administrative headquarters of the rulers of the Jaipur State in Jaipur, Rajasthan. Construction started soon after the establishment of the city of Jaipur under the reign of Maharaja Sawai Jai Singh II, who moved his court to Jaipur from Amber, in 1727. Jaipur remained the capital of the kingdom until 1949—when it became the capital of the present-day Indian state of Rajasthan—with the City Palace functioning as the ceremonial and administrative seat of the Maharaja of Jaipur. The construction of the Palace was completed in 1732 and it was also the location of religious and cultural events, as well as a patron of arts, commerce, and industry. It was constructed according to the rules of vastushastra, combining elements of Mughal and Rajput architectural styles. It now houses the Maharaja Sawai Man Singh II Museum, and continues to be the home of the Jaipur royal family. The royal family has around 500 personal servants. सिटी पैलेस, जयपुर जयपुर, राजस्थान में जयपुर राज्य के शासकों का एक शाही निवास और पूर्व प्रशासनिक मुख्यालय है। महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय के शासनकाल में जयपुर शहर की स्थापना के तुरंत बाद निर्माण शुरू हुआ, जिन्होंने 1727 में अपना दरबार अंबर से जयपुर स्थानांतरित कर दिया था। जयपुर 1949 तक राज्य की राजधानी बना रहा - जब यह राजधानी बन गया वर्तमान भारतीय राज्य राजस्थान - सिटी पैलेस जयपुर के महाराजा की औपचारिक और प्रशासनिक सीट के रूप में कार्य करता है। महल का निर्माण 1732 में पूरा हुआ था और यह धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ कला, वाणिज्य और उद्योग का संरक्षक भी था। इसका निर्माण मुगल और राजपूत स्थापत्य शैली के तत्वों को मिलाकर, वास्तुशास्त्र के नियमों के अनुसार किया गया था। अब इसमें महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय संग्रहालय है, और यह जयपुर शाही परिवार का घर बना हुआ है। शाही परिवार में लगभग 500 निजी नौकर हैं।
किस दिन गए थे
सार्वजनिक छुट्टी के दिन
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One of the historic landmarks of the city, City Palace is situated right at the center of the city and is made of grey-white marble stone.It was built by Maharaj Sawai Jai Singh II between 1729 and 1732 A.D. The king built the outer walls of the palace and his successors made the additions which continued till the 20th century. City Palace includes the Chandra Mahal palace and the Mubarak Mahal palace. At the entrance of the palace, there are two elephants made of marble that guard the passageway. Chandra Mahal houses a museum which has a rare collection of various types of Rajasthani dresses, Mughal armoury and Rajput weapons and swords of different shapes and sizes. The museum also consists of an art gallery with a collection of paintings, royal belongings, carpets and astronomical works in Persian, Latin and Sanskrit, which were developed by Maharaja Sawai Jai Singh II. शहर के ऐतिहासिक स्थलों में से एक, सिटी पैलेस शहर के केंद्र में स्थित है और यह भूरे-सफेद संगमरमर के पत्थर से बना है। इसे महाराज सवाई जय सिंह द्वितीय ने 1729 और 1732 ईस्वी के बीच बनवाया था। राजा ने बाहरी दीवारों का निर्माण किया था। महल और उसके उत्तराधिकारियों ने अतिरिक्त जोड़ दिए जो 20 वीं शताब्दी तक जारी रहे। सिटी पैलेस में चंद्र महल महल और मुबारक महल महल शामिल हैं। महल के प्रवेश द्वार पर संगमरमर से बने दो हाथी हैं जो मार्ग की रखवाली करते हैं। चंद्र महल में एक संग्रहालय है जिसमें विभिन्न प्रकार के राजस्थानी परिधानों, मुगल शस्त्रागार और राजपूत हथियारों और विभिन्न आकृतियों और आकारों की तलवारों का दुर्लभ संग्रह है। संग्रहालय में फ़ारसी, लैटिन और संस्कृत में पेंटिंग, शाही सामान, कालीन और खगोलीय कार्यों के संग्रह के साथ एक आर्ट गैलरी भी है, जिसे महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा विकसित किया गया था।
The City Palace was built between 1729 and 1732 by Maharaja Sawai Jai Singh II, the Maharaja of Jaipur and the head of the Kachhwa Rajput clan. The palace complex is located in the north-east of the central city and is easily accessible. There are very impressive gardens, grounds and buildings here. महाराजा सवाई जय सिह द्वितीय जो जयपुर के महाराजा और कच्छावा राजपूत कबीले के प्रमुख थे ने सन 1729 से 1732 के बीच सिटी पैलेस का निर्माण करवाया था। पैलेस परिसर केंद्रीय शहर के उत्तर-पूर्व में स्थित है यहां पर बहुत ही आसानी से पहुचा जा सकता है। यहां पर बहुत ही प्रभावशाली उद्यान, मैदान और इमारतें है । जयपुर के महान सिटी पैलेस के निर्माण का श्रेय "विद्याधर भट्टाचार्य" जो शाही अदालत के मुख्य वास्तुकार और जयपुर के नगर योजनाकार को कहा जाता है इन्होंने ये काम सर सैमुअल स्विंटन जैकब के साथ मिल कर किया था। महाराजा सवाई जय सिह द्वितीय ने भी योजना बनाने में अपना पूरा योगदान दिया था और वो बहुत उत्साहित भी थे। इस भवन के निर्माण कला में राजपूत, मुगल और स्थापत्य कला के यूरोपीय शैलियों के साथ भारतीय वास्तुकला का शिल्पशास्त्र का एक मिश्रण का इस्तेमाल किया। इसकी बाहरी दीवार जय सिह के द्वारा बनवाई गई थी लेकिन भटृ महलो को बड़ा और अनुकूलित बनाया गया था। 20 वीं सदी में यहां महल और भवनों का निर्माण हुआ। क्रमिक विकास के बावजूद, पूरी राजस्थानी और मुगल वास्तुकला का एक हड़ताली मिश्रण है। यह न केवल अपनी राजसी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसका स्थान और अद्भुत दृश्य आगन्तुको को बहुत लुभाते है। आगंतुकों को भी हवा महल, जल महल, सरकार ने केन्द्रीय संग्रहालय, जंतर मंतर, विद्याधर गार्डन और गोविंद देव जी मंदिर ये सब इनके आकर्षण का केंद्र है।
Amazing Experience in city palace पहले राजा इसी में रहते थे और यहीं से गोविंद देव जी के दर्शन करते थे l वर्तमान में यह पर्यटक स्थल बन गया है l यह बहुत ही सुंदर बना हुआ है l सिटी पैलेस जयपुर में स्थित राजस्थानी व मुगल शैलियों की मिश्रित रचना एक पूर्व शाही निवास जो पुराने शहर के बीचोंबीच है। भूरे संगमरमर के स्तंभों पर टिके नक्काशीदार मेहराब, सोने व रंगीन पत्थरों की फूलों वाली आकृतियों ले अलंकृत है। संगमरमर के दो नक्काशीदार हाथी प्रवेश द्वार पर प्रहरी की तरह खड़े है। जिन परिवारों ने पीढ़ी-दर-पीढ़ी राजाओं की सेवा की है। वे लोग गाइड के रूप में कार्य करते है। पैलेस में एक संग्राहलय है जिसमें राजस्थानी पोशाकों व मुगलों तथा राजपूतों के हथियार का बढ़िया संग्रह हैं। इसमें विभिन्न रंगों व आकारों वाली तराशी हुई मूंठ की तलवारें भी हैं, जिनमें से कई मीनाकारी के जड़ऊ काम व जवाहरातों से अलंकृत है तथा शानदार जड़ी हुई म्यानों से युक्त हैं। महल में एक कलादीर्घा भी हैं जिसमें लघुचित्रों, कालीनों, शाही साजों सामान और अरबी, फारसी, लेटिन व संस्कृत में दुर्लभ खगोल विज्ञान की रचनाओं का उत्कृष्ट संग्रह है जो सवाई जयसिंह द्वितीय ने विस्तृत रूप से खगोल विज्ञान का अध्ययन करने के लिए प्राप्त की थी।
किस दिन गए थे
कामकाजी दिन (वीकडे)
इंतज़ार का समय
10 मिनट तक
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पता नहीं
सिटी पैलेस जयपुर, राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक तथा पर्यटन स्थलों में से एक है। यह एक महल परिसर है। 'गुलाबी शहर' जयपुर के बिल्कुल बीच में यह स्थित है। इस खूबसूरत परिसर में कई इमारतें, विशाल आंगन और आकर्षक बाग़ हैं, जो इसके राजसी इतिहास की निशानी हैं। इस परिसर में 'चंद्र महल' और 'मुबारक महल' जैसे महत्वपूर्ण भवन भी हैं। पिछले ज़माने के कीमती सामान को यहां संरक्षित किया गया है। इसके महल के छोटे से भाग को संग्रहालय और आर्ट गैलेरी में तब्दील किया गया है। महल की खूबसूरती को देखने के लिए सैलानी दुनिया भर से हज़ारों की संख्या में सिटी पैलेस में आते हैं। सिटी पैलेस का निर्माण महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने 1729 से 1732 ई. के मध्य कराया था। शाही वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य और अंग्रेज़ शिल्पकार सर सैमुअल स्विंटन जैकब ने उस समय बींसवी सदी का आधुनिक नगर रचा था। सिटी पैलेस की भवन शैली राजपूत, मुग़ल और यूरोपियन शैलियों का अतुल्य मिश्रण है। लाल और गुलाबी सेंडस्टोन से निर्मित इन इमारतों में पत्थर पर की गई बारीक कटाई और दीवारों पर की गई चित्रकारी मन मोह लेती है। कछवाहा शासकों के पास धन-दौलत की कोई कमी नहीं थी। इसलिए महाराजा जयसिंह द्वितीय पूरी तरह नियोजित सुरक्षित, सुंदर और समृद्ध शहर बसाना चाहते थे। जयपुर शहर अठारहवीं सदी में बना पहला नियोजित शहर था।
सिटी पैलेस, जयपुर की स्थापना उसी समय महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा जयपुर शहर के रूप में की गई थी, जो 1727 में अपने दरबार को अंबर से जयपुर ले गए थे। जयपुर राज्य की वर्तमान राजधानी है। राजस्थान , और 1949 तक सिटी पैलेस जयपुर के महाराजा की औपचारिक और प्रशासनिक सीट थी। महल धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का स्थान होने के साथ-साथ कला, वाणिज्य और उद्योग का संरक्षक भी था। अब इसमें महाराजा सवाई मान सिंह II संग्रहालय है, और यह जयपुर शाही परिवार का घर बना हुआ है। [ उद्धरण वांछित ]महल परिसर में कई इमारतें, विभिन्न प्रांगण, गैलरी, रेस्तरां और संग्रहालय ट्रस्ट के कार्यालय हैं। MSMS II संग्रहालय ट्रस्ट का नेतृत्व जयपुर की अध्यक्ष राजमाता पद्मिनी देवी (हिमाचल प्रदेश के सिरमौर से) करती हैं। राजकुमारी दीया कुमारी इसके सचिव और ट्रस्टी के रूप में संग्रहालय ट्रस्ट चलाती हैं। वह जयपुर में द पैलेस स्कूल और महाराजा सवाई भवानी सिंह स्कूल का भी प्रबंधन करती हैं। उन्होंने राजस्थान की वंचित और बेरोजगार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए राजकुमारी दीया कुमारी फाउंडेशन की स्थापना और संचालन किया। वह एक उद्यमी भी हैं। 2013 में, वह सवाई माधोपुर के निर्वाचन क्षेत्र से राजस्थान की विधान सभा के सदस्य के रूप में चुनी गईं!
Ticket price-300/150 for students सिटी पैलेस जयपुर में स्थित राजस्थानी व मुगल शैलियों की मिश्रित रचना एक पूर्व शाही निवास जो पुराने शहर के बीचोंबीच है। भूरे संगमरमर के स्तंभों पर टिके नक्काशीदार मेहराब, सोने व रंगीन पत्थरों की फूलों वाली आकृतियों ले अलंकृत है। संगमरमर के दो नक्काशीदार हाथी प्रवेश द्वार पर प्रहरी की तरह खड़े है। जिन परिवारों ने पीढ़ी-दर-पीढ़ी राजाओं की सेवा की है। वे लोग गाइड के रूप में कार्य करते है। पैलेस में एक संग्राहलय है जिसमें राजस्थानी पोशाकों व मुगलों तथा राजपूतों के हथियार का बढ़िया संग्रह हैं। इसमें विभिन्न रंगों व आकारों वाली तराशी हुई मूंठ की तलवारें भी हैं, जिनमें से कई मीनाकारी के जड़ऊ काम व जवाहरातों से अलंकृत है तथा शानदार जड़ी हुई म्यानों से युक्त हैं। महल में एक कलादीर्घा भी हैं जिसमें लघुचित्रों, कालीनों, शाही साजों सामान और अरबी, फारसी, लेटिन व संस्कृत में दुर्लभ खगोल विज्ञान की रचनाओं का उत्कृष्ट संग्रह है जो सवाई जयसिंह द्वितीय ने विस्तृत रूप से खगोल विज्ञान का अध्ययन करने के लिए प्राप्त की थी।
किस दिन गए थे
हफ़्ते के आखिर में (वीकेंड)
इंतज़ार का समय
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नहीं
सिटी पैलेस जयपुर में स्थित राजस्थानी व मुगल शैलियों की मिश्रित रचना एक पूर्व शाही निवास जो पुराने शहर के बीचोंबीच है। भूरे संगमरमर के स्तंभों पर टिके नक्काशीदार मेहराब, सोने व रंगीन पत्थरों की फूलों वाली आकृतियों ले अलंकृत है। संगमरमर के दो नक्काशीदार हाथी प्रवेश द्वार पर प्रहरी की तरह खड़े है। जिन परिवारों ने पीढ़ी-दर-पीढ़ी राजाओं की सेवा की है। वे लोग गाइड के रूप में कार्य करते है। पैलेस में एक संग्राहलय है जिसमें राजस्थानी पोशाकों व मुगलों तथा राजपूतों के हथियार का बढ़िया संग्रह हैं। इसमें विभिन्न रंगों व आकारों वाली तराशी हुई मूंठ की तलवारें भी हैं, जिनमें से कई मीनाकारी के जड़ऊ काम व जवाहरातों से अलंकृत है तथा शानदार जड़ी हुई म्यानों से युक्त हैं। महल में एक कलादीर्घा भी हैं जिसमें लघुचित्रों, कालीनों, शाही साजों सामान और अरबी, फारसी, लेटिन व संस्कृत में दुर्लभ खगोल विज्ञान की रचनाओं का उत्कृष्ट संग्रह है जो सवाई जयसिंह द्वितीय ने विस्तृत रूप से खगोल विज्ञान का अध्ययन करने के लिए प्राप्त की थी।
किस दिन गए थे
कामकाजी दिन (वीकडे)
इंतज़ार का समय
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हां
सिटी पैलेस की स्थापना १६वीं शताब्दी में आरम्भ हुई। इसे स्थापित करने का विचार एक संत ने राजा उदयसिंह द्वितीय को दिया था। इस प्रकार यह परिसर ४०० वर्षों में बने भवनों का समूह है। यह एक भव्य परिसर है। इसे बनाने में २२ राजाओं का योगदान था। इस परिसर में प्रवेश के लिए टिकट लगता है। बादी पॉल से टिकट लेकर आप इस परिसर में प्रवेश कर सकते हैं। परिसर में प्रवेश करते ही आपको भव्य त्रिपोलिया गेट' दिखेगा। इसमें सात आर्क हैं। ये आर्क उन सात स्मवरणोत्सैवों का प्रतीक हैं जब राजा को सोने और चांदी से तौला गया था तथा उनके वजन के बराबर सोना-चांदी को गरीबों में बांट दिया गया था। इसके सामने की दीवार 'अगद' कहलाती है। यहां पर हाथियों की लड़ाई का खेल होता था। इस परिसर में एक जगदीश मंदिर भी है। इसी परिसर का एक भाग सिटी पैलेस संग्रहालय है। इसे अब सरकारी संग्रहालय घोषित कर दिया गया है। वर्तमान में शम्भूक निवास राजपरिवार का निवास स्थानन है। इससे आगे दक्षिण दिशा में 'फतह प्रकाश भ्ावन' तथा 'शिव निवास भवन' है। वर्तमान में दोनों को होटल में परिवर्तित कर दिया गया है।
Very nice place सिटी पैलेस जयपुर में स्थित राजस्थानी व मुगल शैलियों की मिश्रित रचना एक पूर्व शाही निवास जो पुराने शहर के बीचोंबीच है। भूरे संगमरमर के स्तंभों पर टिके नक्काशीदार मेहराब, सोने व रंगीन पत्थरों की फूलों वाली आकृतियों ले अलंकृत है। संगमरमर के दो नक्काशीदार हाथी प्रवेश द्वार पर प्रहरी की तरह खड़े है। जिन परिवारों ने पीढ़ी-दर-पीढ़ी राजाओं की सेवा की है। वे लोग गाइड के रूप में कार्य करते है। पैलेस में एक संग्राहलय है जिसमें राजस्थानी पोशाकों व मुगलों तथा राजपूतों के हथियार का बढ़िया संग्रह हैं। इसमें विभिन्न रंगों व आकारों वाली तराशी हुई मूंठ की तलवारें भी हैं, जिनमें से कई मीनाकारी के जड़ऊ काम व जवाहरातों से अलंकृत है तथा शानदार जड़ी हुई म्यानों से युक्त हैं। महल में एक कलादीर्घा भी हैं जिसमें लघुचित्रों, कालीनों, शाही साजों सामान और अरबी, फारसी, लेटिन व संस्कृत में दुर्लभ खगोल विज्ञान की रचनाओं का उत्कृष्ट संग्रह है जो सवाई जयसिंह द्वितीय ने विस्तृत रूप से खगोल विज्ञान का अध्ययन करने के लिए प्राप्त की थी।
Historic Placesसिटी पैलेस जयपुर में स्थित राजस्थानी व मुगल शैलियों की मिश्रित रचना एक पूर्व शाही निवास जो पुराने शहर के बीचोंबीच है। भूरे संगमरमर के स्तंभों पर टिके नक्काशीदार मेहराब, सोने व रंगीन पत्थरों की फूलों वाली आकृतियों ले अलंकृत है। संगमरमर के दो नक्काशीदार हाथी प्रवेश द्वार पर प्रहरी की तरह खड़े है। जिन परिवारों ने पीढ़ी-दर-पीढ़ी राजाओं की सेवा की है। वे लोग गाइड के रूप में कार्य करते है। पैलेस में एक संग्राहलय है जिसमें राजस्थानी पोशाकों व मुगलों तथा राजपूतों के हथियार का बढ़िया संग्रह हैं। इसमें विभिन्न रंगों व आकारों वाली तराशी हुई मूंठ की तलवारें भी हैं, जिनमें से कई मीनाकारी के जड़ऊ काम व जवाहरातों से अलंकृत है तथा शानदार जड़ी हुई म्यानों से युक्त हैं। महल में एक कलादीर्घा भी हैं जिसमें लघुचित्रों, कालीनों, शाही साजों सामान और अरबी, फारसी, लेटिन व संस्कृत में दुर्लभ खगोल विज्ञान की रचनाओं का उत्कृष्ट संग्रह है जो सवाई जयसिंह द्वितीय ने विस्तृत रूप से खगोल विज्ञान का अध्ययन करने के लिए प्राप्त की थी।
सिटी पैलेस जयपुर में स्थित राजस्थानी व मुगल शैलियों की मिश्रित रचना एक पूर्व शाही निवास जो पुराने शहर के बीचोंबीच है। भूरे संगमरमर के स्तंभों पर टिके नक्काशीदार मेहराब, सोने व रंगीन पत्थरों की फूलों वाली आकृतियों ले अलंकृत है। संगमरमर के दो नक्काशीदार हाथी प्रवेश द्वार पर प्रहरी की तरह खड़े है। जिन परिवारों ने पीढ़ी-दर-पीढ़ी राजाओं की सेवा की है। वे लोग गाइड के रूप में कार्य करते है। पैलेस में एक संग्राहलय है जिसमें राजस्थानी पोशाकों व मुगलों तथा राजपूतों के हथियार का बढ़िया संग्रह हैं। इसमें विभिन्न रंगों व आकारों वाली तराशी हुई मूंठ की तलवारें भी हैं, जिनमें से कई मीनाकारी के जड़ऊ काम व जवाहरातों से अलंकृत है तथा शानदार जड़ी हुई म्यानों से युक्त हैं। महल में एक कलादीर्घा भी हैं जिसमें लघुचित्रों, कालीनों, शाही साजों सामान और अरबी, फारसी, लेटिन व संस्कृत में दुर्लभ खगोल विज्ञान की रचनाओं का उत्कृष्ट संग्रह है जो सवाई जयसिंह द्वितीय ने विस्तृत रूप से खगोल विज्ञान का अध्ययन करने के लिए प्राप्त की थी।
शहर के ऐतिहासिक स्थलों में से एक, सिटी पैलेस शहर के केंद्र में स्थित है और यह भूरे-सफेद संगमरमर के पत्थर से बना है। इसे महाराज सवाई जय सिंह द्वितीय ने 1729 और 1732 ईस्वी के बीच बनवाया था। राजा ने बाहरी दीवारों का निर्माण किया था। महल और उसके उत्तराधिकारियों ने अतिरिक्त जोड़ दिए जो 20 वीं शताब्दी तक जारी रहे। सिटी पैलेस में चंद्र महल महल और मुबारक महल महल शामिल हैं। महल के प्रवेश द्वार पर संगमरमर से बने दो हाथी हैं जो मार्ग की रखवाली करते हैं। चंद्र महल में एक संग्रहालय है जिसमें विभिन्न प्रकार के राजस्थानी परिधानों, मुगल शस्त्रागार और राजपूत हथियारों और विभिन्न आकृतियों और आकारों की तलवारों का दुर्लभ संग्रह है। संग्रहालय में फ़ारसी, लैटिन और संस्कृत में पेंटिंग, शाही सामान, कालीन और खगोलीय कार्यों के संग्रह के साथ एक आर्ट गैलरी भी है, जिसे महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा विकसित किया गया था।
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जयपुर राजघराने की निजी प्रापर्टी है ।महल का एक हिस्सा पर्यटन के लिए खोला गया है व एक हिस्से मे राजा/रानी स्वयं निवास करते है ।जानकारी व घूमने के लिये अच्छी जगह है पर दुकानदारी व पर्यटन का दोहन ज्यादा है ।मंहगी इन्ट्री ,अंदर आपको बेवकूफ बनाने को तैयार गाइडो का झुंड ,महल के अंदर अत्यधिक मंहगी दुकानें । निश्चित रुप से अच्छी कमाई का जरिया है और मजे की बात यह है कि टैक्स फ्री इंकम है क्योंकि सारा रागबाग ट्रस्ट के जरिए फैला है । पुराने भारत मे राजाओं की क्या क्या अय्याशी थी ये महल बयान करता है ।हथियार भी हैं पर किस काम के जो कभी प्रजा व देश के हित मे नहीं उठे। उस समय से लेकर आज तक राजाओं का एक पैर भारत मे रहता है तो एक पैर ईंग्लैड मे ।
किस दिन गए थे
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नहीं
सिटी पैलेस जयपुर, राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक तथा पर्यटन स्थलों में से एक है। 'गुलाबी शहर' जयपुर के बिल्कुल बीच में यह स्थित है। इस खूबसूरत परिसर में कई इमारतें, विशाल आंगन और आकर्षक बाग़ हैं, जो इसके राजसी इतिहास की निशानी हैं। इस परिसर में 'चंद्र महल' और 'मुबारक महल' जैसे महत्वपूर्ण भवन भी हैं। पिछले ज़माने के कीमती सामान को यहां संरक्षित किया गया है। महल की खूबसूरती को देखने के लिए सैलानी दुनिया भर से हज़ारों की संख्या में सिटी पैलेस में आते हैं।
Jaipur Ramnivas bag ke andar banaa Hua bahut purana Museum hai is museum Mein Kafi hajaron Sal purane Tel Chitra Lage hue hain sabse bada Krishna ka Kendra Hai Ek purani hajaron Sal purani mummy ka Sharir De abhi Talak vahan per sambhal kar Rakhi Hui Hai main aakarshan Mishra ki mummy and Tel Chitra Kafi Kuchh andar dekhne layak hai ticket bhi ₹50 reasonable prise
Its beautiful place ,yha aapko kai types k inside ghumne k liye fare dene pdte h ,yha rajputo k hr chiz dkhne ko milnge poshak unka diwan e khas,unk hthiyar ,aur yhi duniya ka sbse bda chandi ka kalash h..rajao k photo frame me h lge huye h..aur hthiyaro k v museum milnge aur palace k andr traditional kpde materials aur anek chize jo bohot hi mohk lgte h..
Worst experience of my life , waha per kaam per jo log rakh rahe hai , bhut hi badtameez hai ,I hate these worst people . Bolne ke tarike nhi hain, waha per log ghumne jate hai , lekin yeh log unse badhi hi badtameezi se baat karte hai , my first time experience really really bad , I want to suggest nobody please go. …
महानगर ओर राजस्थान कि राजधानी जयपुर अपनी शान ओर विरासत के लिए प्रसिद्ध है। ऐसा हि एक सिटी पैलेस है जहां कि सुंदरा देखने को मिलती है। यह सिटी पैलेस जयपुर के राजाओ कि सबसे निवास स्थान कि उपलब्धि हैं। इस सिटी पैलेस को सुरक्षा ओर देखभाल कर संरक्षित रखा हुआ है। रोज हजारो पर्यटन इसको देखने आते है। जयपुर का मान बढाता यह सिटी पैलेस भवन
सिटी पैलेस (City Palace) तिहास, वास्तुकला एवं फ़ोटोग्राफ़ी – अगर आप इन तीनों में से किसी भी चीज़ के शौकीन है तो आपको यहाँ खासतौर से आना ही चाहिए। यहाँ से आप पूरे जयपुर को अपनी आँखों में समेट सकते हैं और इसके सौंदर्य के गवाह बन सकते है। अपने कमरे में ढेर सारी तस्वीरों को कैद करिए जिसके द्वारा आप एक बेहद सुंदर याद को संजो पाएंगे।
सिटी पैलेस जयपुर में स्थित राजस्थानी व मुगल शैलियों की मिश्रित रचना एक पूर्व शाही निवास जो पुराने शहर के बीचोंबीच है। भूरे संगमरमर के स्तंभों पर टिके नक्काशीदार मेहराब, सोने व रंगीन पत्थरों की फूलों वाली आकृतियों ले अलंकृत है। संगमरमर के दो नक्काशीदार हाथी प्रवेश द्वार पर प्रहरी की तरह खड़े है। ज़्यादा
Wonderful,must visit place in Jaipur. Waise bhi Jaipur ao aur Pink City Kolkata na ghume ye ho bhi Sakta. Parking ka thoda problem hota hai in front of gate. Waise parking alag se hai Lekin dur me hai. Aur kaafi samay lagega Palace Ko acche se ghumne me. No photography allow inside palace,shop, museum.
City palace... diyakumari ji Member of Parliament, Rajsamand Former MLA, Sawai Madhopur Ki taraf se rajsamand or sawaimadhopur valo ke liye free tickets in city palace.... only aadhar verification
किस दिन गए थे
कामकाजी दिन (वीकडे)
इंतज़ार का समय
10 मिनट तक
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नहीं
City palace or jantar mantar dono ek hi jagah par hai , jantar mantar me dekhne layek kuch khas nahi hai iska ticket price 52 rupya hai , but uske bagal me city palace hai ye dekhne layek hai iska ticket price 300 rupya hai , photo click karne ke liye alag se charge dene padega
Bhai palace to accha hai but waha par Jo Darban bhaale talwar lekar RAJPUTANA ka logo kapdo par lga kar gate par khade hote hai wo unke sath sirf photo click karwane ke liye bhikhariyon ki tarha 20-30 rupees kyu maangte rehte hai Ye hai RAJPUTANA shaan..... …
यह जयपुर का बहुत ही प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है यहां पर बने हुए म्यूजियम में हम बहुत ही पुराने हथियार जिनमे पुरानी तलवारे, ढाल ,धनुष बाण, भाले , बंदूके, तोप आदि देखने की वस्तुएं हैं। इसके साथ यहां पर राजा महाराजाओं के चित्र, दुर्लभ फोटोज पेंटिंग आदि देखने को मिलते है।
सिटी पैलेस यानि आमेर रियासत के रजा का महल सवाई जय सिंह ने इसे १७२९ से १७३२ के बीच बनवाया वाल्ट सिटी इसी के चारो तरफ नानी है सिटी पेलेस के दो मुख्य भाग है पहला चन्द्र महल जो आज कल museum में कन्वर्ट कर दिया गया है दूसरा भाग mubarak महल है … ज़्यादा
बहुत ही बढ़िया जगह हे जयपुर. यहां घूमने का बहुत सारा स्थान है जहां आप घूम सकते हैं जैसे कि आमेर का किला, हवा महल, पिंक सिटी इत्यादि. आप यहां प्लेन या ट्रेन किसी से भी पहुंच सकते हैं. यहां आप जयपुर स्टेशन के पास होटल ले सकते हैं या फिर … ज़्यादा
आमेर का किला या आंबेर का किला नाम से भी जाना जाता है) भारत के राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर के आमेर क्षेत्र में एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित एक पर्वतीय दुर्ग है। यह जयपुर नगर का प्रधान पर्यटक आकर्षण है। आमेर का कस्बा मूल रूप से … ज़्यादा
Ticket bahut jayada expensive ha...baaki andar se bahut acha ha...kaafi poorani cheeze dekhne ko milti ha
किस दिन गए थे
कामकाजी दिन (वीकडे)
इंतज़ार का समय
10 मिनट तक
ऐडवांस बुकिंग कर लें
पता नहीं
गुलाबी शहर जयपुर , जितना सुना है और पढ़ा ,बिल्कुल वैसा ही है, अपनी बिरास्तो को बहुत अच्छे तरीके से संजो कर रखा हुवा है। जयपुर की इमारते अपनी भब्यता को आज बनाए हुए है। यहां ज्यादा कुछ नही लिख सकता एक बार जयपुर जरूर जाय।
Ye hamari historical darohar h aaj b mano aisa lgta h ki aaj b hum usi samay main ji rhe h kya thaat bhaat rhe honge un rajao ke jo yha raaj krte thay i honour them and salute them by my heart
City palace jaipur is very close to Hawa Mahal & Jantar mantar ,
किस दिन गए थे
कामकाजी दिन (वीकडे)
इंतज़ार का समय
इंतज़ार नहीं करना पड़ता
ऐडवांस बुकिंग कर लें
हां
Ek bhot hi acha historical palace hai jahan apko jaipur aur rajashtan ke itihaas ke bare me janne ko milega aur apko kuch baato par garv bhi hoga ki mera bharat aisa bhi tha
200 रुपया 1 लोगों का वहा जाके पुराने राजा के बंदूक देखो कपड़े देखो उसके 200 ले लेते है अच्छा नहीं लगा.. नाहर गढ का किला सब से बेस्ट हे जहा से पूरा जयपुर दिखाता हे...
कार पार्किंग में ड्राइवरों के लिए पानी की व्यवस्था और साफ-सुथरे बाथरूम की व्यवस्था करवा दीजिए पार्किंग चार्ज बहुत आ रहा है लेकिन पार्किंग में व्यवस्था सही नहीं है
The City Palace, The House of Royal Family of Jaipur. Maharaja Sawai MAN Singh II MUSIUM, CHANDRA MAHAL, MADHO NIWAS (Present KING PADMANABH REGIDENCE) , etc.
SHAAHI ILAAKAA Jaipur ki behtareen nak-kashiyan dekhne ko milegi.... Aaj bhi iss palace pe Rajwaade-khandaan k logg rehte haiii …
अगर आप लोग प्राचीन हथियारों और राजा महाराजाओं के समय के सामान देखने शौकीन हैं तो इस जगह पर आपको एक बार जरूर जाना चाहिए
City palace में अंदर जाकर म्यूजियम देखना है तो 300 रुपए का शुल्क है और पूरा palace देखना है तो 3000रुपए का शुल्क है
राजस्थान की सभ्यता और संस्कृति को जानने के लिए इससे अच्छा स्थान नहीं हो सकता
किस दिन गए थे…
ज़्यादा
सिटी पैलेस बहुत ही अच्छा लगा राजाओं व रानियों के वस्त्रों शस्त्रों आदि को देखकर काफी कुछ जानकारी मिली ।
Very very very costly. Ameer baap ki aulad ho to hi Jana
इंतज़ार का समय
10 मिनट तक
300 worth hai but abhi thoda renovation chal raha hai
Gulami ki dastan kehta hai
सुंदर लगा
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Gangori Bazaar, J.D.A. Market, Pink City, Jaipur, Rajasthan 302002, India
24343 reviews
B-91, Rajamal Ka Talab Rd, Gangori Bazaar, J.D.A. Market, Kanwar Nagar, Jaipur, Rajasthan 302002, India
20345 reviews
Tonk Rd, opp. Nehru Palace Complex, Gandhi Nagar, Jaipur, Rajasthan 302015, India
14134 reviews
99, Nehru Bazar Rd, Jayanti Market, Modikhana, Jaipur, Rajasthan 302002, India
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VQWX+6XW, Jan Path, Jaipur Nagar Nigam, Lalkothi, Jaipur, Rajasthan 302005, India
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VRF6+CQX, Jawahar Lal Nehru Marg, Jhalana Doongri, Jaipur, Rajasthan 302004, India
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Tripolia Bazar, Badi Choupad, J.D.A. Market, Pink City, Jaipur, Rajasthan 302002, भारत
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WRFC+Q8G, Aatish Market, Gangori Bazaar, J.D.A. Market, Kanwar Nagar, Jaipur, Rajasthan 302002, India